बच्चों में फ्रैक्चर
वयस्क हड्डी से बच्चों की हड्डियां अलग होती हैं। बच्चो का चोट लगने का तरीका एवं उसके सही होने का तरीका व्यस्को से बहुत अलग होता है । बच्चो की हड्डियां बढ़ती हड्डियां होती हैं एवं उनकी हड्डियों के सिरे में एक वृद्धि होने के लिए खुली जगह होती है जिसे “ग्रोथ प्लेट” कहा जाता है. इन “ग्रोथ प्लेट” में किसी भी प्रकार की चोट से अपंगता, या ग्रोथ अरेस्ट(हाथ या पाव का छोटा रह जाना या टेढ़ा होना) हो सकता है।
वयस्क हड्डियों की तुलना में बच्चों में हड्डियों में मोटा कवर (पेरिऑस्टेयम) होता है इसिलए उनको चोट पहुंचने के लिए अधिक ऊर्जा की ज़रूरत पढ़ती है. इसीलिए अधिकतर बचो की हडियों में अपूर्ण फ्रैक्चर (हड्डियों का आंशिक रूप से टूटना) होता है. इसके अलावा, बच्चों की हड्डियों में खून का अधिक प्रवाह होता है , कारणवश वह व्यस्को की तुलना में शीघ्र जुड़ जाती हैं.
बच्चों में सामान्य फ्रैक्चर :

बच्चों में आंशिक रूप से टूटी हुई आगे की बाहं

बच्चे की पैर की हड्डी का अपूर्ण फ्रैक्चर
पीडिएट्रिक (बच्चो का) फ्रैक्चर
अधिकतर रिडक्शन एवं प्लास्टर कास्ट ही पर्याप्त होता है . बच्चो में कुछ ही फ्रैक्चर (कोहनी के पास ) ऐसे होते हैं जिनमे सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है. बच्चो में शीघ्र उपचार आवश्यक है, क्योंकि उनकी हड्डियां जल्दी जुड़ती है तो देरी होने या गलत उपचार के कारन हडियो के गलत जगह जुड़ने का खतरा होता है. यह अंग विकृत्ति का कारन बन सकता है .

कोहनी का फ्रैक्चर एवं इसका “के वायर” की मदद से जोड़ना


गलत ढंग से जुड़ा हुआ फ्रैक्चर परिणामस्वरुप अंग विकृत्ति होना